सुन ले दिल्ली वक़्त हमारा आज नहीं कल आएगा
आरक्षण अधिकार हमारा , और नहीं टल पायेगा
सीमाए सब टूट रही है , बनी ज्वाल अब चिंगारी
जो अब भी वंचित हैं वो सत्ता के असली अधिकारी
साठ वर्ष से मछुआ केवल तेरी डोली ढोता है
छिले हुए काँधे को लेकर अपने मन में रोता है
टूटी नैय्या थका खिवैया भला किसे छल पायेगा
सुन ले दिल्ली वक़्त हमारा आज नहीं कल आएगा
आरक्षण अधिकार हमारा , और नहीं टल पायेगा
हमने तेरे लिए न जाने कितनी गलियां छानी हैं ।
एक ठन्डे झोके की खातिर तेरी शर्तें मानी हैं ।
देख रहा है आज जमाना सत्ता हमको देगी क्या ?
अब तेरे हाथों की ताक़त सब्र हमारा लेगी क्या ?
टालमटोल रवैया तेरा और नहीं चल पायेगा ।
सुन ले दिल्ली वक़्त हमारा आज नहीं कल आएगा
आरक्षण अधिकार हमारा , और नहीं टल पायेगा
[1[ aaj maagne se kuch nahi milta hai apna hak chinne se milega ,,our..koi si b sarkar aa jaye,sp, bsp,ya bjp...kashyap ka to sirf vot tak hi adhikar hai our kuch.nahi hai..[2] kashyap kashyap ka hi gala kaat raha hai koi b kaam nahi aata hai..jab bura waqt aata hai
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